अपराध की दुनिया का वो नाम जो स्टूडेंट पॉलिटिक्स से निकला और बन गया मोस्ट वॉन्टेड गैंगस्टर. कहानी उस युवा नेता की जिसने छोटे-मोटे अपराधों से जुर्म की दुनिया में कदम बढ़ाए और ऐसा खौफ पैदा किया जो अब देश में ही नहीं दुनिया तक फैल चुका है. बात सियासी गलियारों की हो या मनोरंजन जगत की लॉरेंस की दहशत इतनी है की हर कोई उसके नाम से भी खौफ खाता है. जेल के अंदर बैठे वो अपने नेटवर्क को लगातार ताकतवर बना रहा है. लॉरेंस की निजी जिंदगी की बात करें तो वो किसी फिल्मी हीरो से कम नहीं है. आइए जानते हैं लॉरेंस बिश्नोई के उन किस्सों के बारे में जो अभी तक पर्दे के पीछे ही हैं.
साल 1993… तारीख थी 12 फरवरी… पंजाब के फाजिल्का के छोटे से गांव दुतरावाली में एक बच्चे का जन्म होता है. जिसका नाम रखा जाता है बलकरन बरार. बलकरन की शुरुआती पढ़ाई अबोहर में होती है. वो रसूखदार परिवार से तालुक रखता है. परिवार में कभी पैसों की कोई कमी या तंगी नहीं थी. उसके पिता लविंदर सिंह हरियाणा पुलिस में नौकरी करते थे. एक बड़े जमींदार होने के चलते लविंदर सिंह ने 1997 में अपनी नौकर छोड़कर खेतीबाड़ी का काम शुरू कर दिया. उसकी मां ममता, फाजिल्का में ही रहती हैं और घरेलू काम करती हैं.
हर मां- बाप का सपना होता है कि उनका बच्चा किसी बड़े स्कूल-कॉलेज में पढ़े और उनका नाम रोशन करे. बलकरन के पिता का भी छोटा सा सपना था कि उनका बेटा आईएएस बने और देश की सेवा करे. इसलिए 12वीं की पढ़ाई के बाद उसके परिवार ने उसे चंडीगढ़ भेज दिया. लेकिन बलकरन कि किस्मत उसे चंडीगढ़ तो ले आई लेकिन जब वह वापस अपने गांव लौटा तब तक उसके कदम सुनहरे भविष्य के रास्ते पर नहीं अपराध की सीढ़ियों पर रखे जा चुके थे. परिवार के लोग जिसे प्यार से ‘बलकरन बरार’ बुलाते थे, उसे दुनिया ने नया नाम ‘लॉरेंस बिश्नोई’ दे दिया था.
एलएलबी का वो छात्र जिस ने तोड़ सारे कानून
कानून में दिलचस्पी रखने वाला लॉरेंस 2010 में चंडीगढ़ के सेक्टर-10 के डीएवी कॉलेज में एलएलबी की पढ़ाई करने लगा. लेकिन उसका शुरू से ही बदमाशी और गुंडागर्दी की तरफ ध्यान था. धीरे-धीरे उसका रुझान छात्र राजनीति की तरफ बढ़ने लगा. लॉ की पढ़ाई के दौरान उसकी दोस्ती गोल्डी बराड़ से होती है जो आज के समय एक कुख्यात गैंगस्टर है. वो अब कनाडा में बैठकर लॉरेंस गैंग के लिए काम करता है. इसे लॉरेंस का राइड हैंड भी कहा जाता है.
लॉरेंस की स्टूडेंट पॉलिटिक्स में एंट्री
लॉरेंस बिश्नोई, साल 2011 में डीएवी कॉलेज के स्टूडेंट ऑर्गनाइजेशन ऑफ पंजाब यूनिवर्सिटी (SOPU) के एक स्टूडेंट विंग का प्रेसिडेंट चुना जाता है. उस समय कॉलेज की प्रेसिडेंटशिप हासिल करना बड़े रुतबे की बात होती थी. कई बार सुनने में आता है कि लॉरेंस पंजाब यूनिवर्सिटी का प्रेसिडेंट रहा पर ऐसा कुछ भी नहीं था, वो सिर्फ कॉलेज के छात्र संगठन का ही प्रेसिडेंट था. लॉरेंस हमेशा से ही छात्रों के बीच अपना दबदबा बनाना चाहता था.
डीएवी कॉलेज का लॉरेंस को एल्युमिनाई मानने से इनकार
लॉरेंस से जुड़े किस्से आज भी चंडीगढ़ के डीएवी कॉलेज में सुनने को मिलते हैं. हलांकि कॉलेज मैनेजमेंट उसे अपना एल्युमिनाई मानने से साफ इनकार करता है. लोग लॉरेंस की लाइफ और पर्सनल लाइफ को लेकर कई बातें करते हैं. लॉरेंस के साथ पढ़ने वाले छात्रों का कहना है कि ‘लॉरेंस बहुत ही शर्मिला लड़का था. वो बहुत कम बोलता था, लेकिन उसके साथ हमेशा लड़कों का एक गुट चलता था. वहीं कुछ लोगों का कहना है कि लॉरेंस कॉलेज में थोड़ी बहुत मारपीट करता था पर सीरियस क्राइम उसके बस की बात नहीं थी.
लॉरेंस बिश्नोई की अधूरी प्रेम कहानी
पंजाब के गांव से शहर में आए लॉरेंस बिश्नोई की एक अधूरी प्रेम कहानी भी है, जिसके बारे में शायद ही लोगों के पता होगा. इस खूबसूरत से लड़के की एक प्रेमिका थी. दोनों का रिश्ता काफी पक्का था. वे दोनों एक दूसरे से शादी करना चाहते थे पर लड़की की जिंदगी में कुछ ऐसा होता है कि वो हमेशा के लिए कहीं गायब हो जाती है. वो कहां चली जाती है, इसके बारे में कोई भी नहीं जानता और ना ही इसके बारे में कोई बात करना चाहता है. शायद ये लॉरेंस का ही डर है जो लोग उसकी जिंदगी के बारे में खुलकर बोलना तक नहीं चाहते.
लॉरेंस के आपराधिक करियरकी शुरुआत
लॉरेंस अपने दोस्तों के साथ मिलकर आपराधिक घटनाओं में शामिल हो जाता है. जिसमें लोगों की जमीनों पर कब्जे की कोशिश, पैसे लेकर लोगों के डरा-धमका कर घर खाली करवाना… ऐसी वारदातों में लॉरेंस का नाम आना शुरू हो गया था. इस दौरान लॉरेंस पर कई केस भी दर्ज होते हैं, इनमें ज्यादतर मामले क्रिमिनल ट्रेसपास, धमकाने या फिर मारपीट के थे. लेकिन अब तक उस पर कोई गंभीर अपराध दर्ज नहीं हुआ था. धीरे-धीरे अपराध की दुनिया में उसका कद बढ़ने लगा है. जिसके बाद उस पर हत्या के प्रयास, हमले, अतिक्रमण, डकैती जैसे अन्य कई मामले दर्ज होते हैं.
उत्तर भारत में कोई भी बड़ी घटना हो चाहे वो पंजाब, हरियाणा, राजस्थान हो या फिर दिल्ली, पुलिस अब सबसे पहले लॉरेंस बिश्नोई को ध्यान में रखते हुए केस की जांच करती है. पंजाब के फरीदकोट में गुरलाल पहलवान का कत्ल हो, चंडीगढ़ में सोनू शाह का मर्डर हो या फिर दिल्ली के छत्रसाल स्टेडिम में पहलवान ओलंपियन सुनील कुमार का वो झगड़ा, जिसमें पहलवान सागर धनखड़ की मौत हो जाती है. ये तमाम केस वही हैं, जिनमें एक अपराधी, एक गैंगस्टर मोस्ट वांटेड रहता है.. वो है लॉरेंस बिश्नोई. इन राज्यों में हो रही आपराधिक घटनाओं के लिए पुलिस हमेशा जांच के लिए उसे ट्रांजिट रिमांड पर लेती है. ये लॉरेंस का आतंक ही है जिसके कारण उसे कभी राजस्थान, कभी दिल्ली की तिहाड़, कभी पंजाब तो कभी गुजरात की साबरमती जेल में शिफ्ट किया गया है. जेल बदलना उसके लिए कोई नई बात नहीं है.
तीन हाई प्रोफाइल केस से चर्चा में आया लॉरेंस बिश्नोई
अपराध जगत में लॉरेंस की पहचान ही उस पर दर्ज मामलों की वजह से हुई है, लेकिन उसका नाम 3 बड़े हाई प्रोफाइल कत्ल केस से सीधा जुड़ा हुआ है. जिनमें सबसे ज्यादा चर्चित 2022 में हुआ सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड था. वहीं, 2023 में राजस्थान के जयपुर में करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी का कत्ल और फिर 2024 में बाबा सिद्दीकी की मुंबई में गोली मारकर हत्या रहा. इन सबकी जिम्मेदारी लॉरेंस गैंग ने ली है. सिलसिलेवार तरीके से हम इन हाई प्रोफाइल मर्डर पर चर्चा करेंगे.
- सिद्धू मूसेवाला हत्याकांडर:29 मई 2022 को पंजाब के उभरते हुए सिंगर सिद्धू मूसेवाला की मानसा के गांव जवाहरके में गोली मरकर हत्या कर दी गई थी. इस हत्याकांड की जिम्मेदारी कनाडा में बैठे लॉरेंस बिश्नोई गैंग के गैंगस्टर गोल्डी बराड़ ने ली थी. गोल्डी बराड़ सिद्धू की हत्या को ‘हमारा बदला था’ बताता है. गोल्डी ने सोशल मीडिया में बताया कि मूसेवाला का हाथ गुरलाल बराड़ और विक्की मिद्दुखेड़ा की हत्या में था. बता दें कि मूसेवाला का कत्ल एक गैंगवार का बड़ा हिस्सा था. जो आपसी दुश्मनी, रंजिश और वर्चस्व की लड़ाई का नतीजा बना.
- बाबा सिद्दीकी हत्याकांड :12 अक्टूबर 2024 को मुंबई में एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की गोली मारकर हत्या कर दी जाती है. इस कत्ल की जिम्मेदारी लॉरेंस बिश्नोई ने ली थी. इसकी पुष्टि ‘शुबू लोंकर महाराष्ट्र’ अकाउंट नाम के एक फेसबुक पोस्ट से होती है. मुंबई क्राइम ब्रांच के अनुसार लॉरेंस गैंग ने अपने शार्प शूटरों को इस कत्ल की जिम्मेदारी सौंपी थी. हलांकि, बाद में बाबा सिद्दीकी हत्याकांड का मास्टरमाइंड जीशान अख्तर कनाडा से गिरफ्तार हो जाता है. मुंबई पुलिस के मुताबिक जीशान अख्तर और शुबू लोंकार को लॉरेंस के भाई अनमोल बिश्नोई ने ही बाबा सिद्दीकी के कत्ल की सुपारी दी थी.
- सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या: 5 दिसंबर 2023 को दिनदिहाड़े राजस्थान के जयपुर में करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की घर में हत्या हो जाती है. इस हत्याकांड की रोहित गोदारा के जरिए बिश्नोई गैंग जिम्मेदारी लेता है. एक टीवी चैनल पर हुए इंटरव्यू में गोल्डी बराड़ ने खुलासा किया कि हमने गोगामेड़ी को चेतावनी दी थी कि वो उनके काम में दखल ना करें. इसके बाद भी वो नहीं माना, जिसके बाद उन्हें मजबूरन गोगामेड़ी को मारना पड़ा.
- सलमान खान को धमकी:बॉलीवुड एक्टर सलमान खान को अगर देश में कोई जान से मारने की धमकी देता है तो वो है लॉरेंस बिश्नोई. 2018 में जोधपुर में सलमान की काले हिरण मामले में पेशी चल रही थी. अपराध की दुनिया का किंग बन चुका बिश्नोई समाज से तालुक रखने वाला लॉरेंस ऐलान करता है कि वो काले हिरण के लिए सलमान खान को जिंदा नहीं छोड़ेगा और एक दिन इसका बदला जरूर लेगा. दरअसल, 1998 में सलमान खान के ऊपर शूटिंग के दौरान काले हिरणों के शिकार का आरोप लगा. राजस्थान में बिश्नोई समाज काले हिरण की पूजा करता है. इसी बात को लेकर लॉरेंस बिश्नोई सलमान खान से बदला लेना चाहता है.
- पप्पू यादव को धमकी: लॉरेंस बिश्नोई गैंग, बिहार के पूर्णिया से सांसद पप्पू यादव को भी धमकी दे चुका है, जिसके बाद सांसद पप्पू यादव की सुरक्षा बढ़ा दी गई थी. दरअसल, पप्पू यादव ने बाबा सिद्दीकी के हत्याकांड के बाद लॉरेंस को लेकर बयान दिया था. हलांकि पप्पू यादव को धमकी देने वाले महेश पाण्डेय को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया गया था, जो कि आपने आपको लॉरेंस गैंग का सदस्य बताता है.
कैसे लॉरेंस गैंग से जुड़ते हैं क्रिमिनल?
लॉरेंस बिश्नोई अपराध जगत में इतना बड़ा नाम बन चुका है कि हर कोई छोटा बड़ा गुंडा उसके साथ जुड़ना चाहता है. सूत्रों कि मानें तो देश में ही नहीं बल्की विदेश में भी लॉरेंस गैंग के 700 से ज्यादा एक्टिव सदस्य हैं. जो एक इशारे पर कुछ भी करने को तैयार रहते हैं. जेल में बंद होने के बाद भी लॉरेंस बिश्नोई आसानी से पूरे क्राइम नेक्सस को ऑपरेशट कर रहा है.