नेपाल में बढ़ रही हिंसा को लेकर कांग्रेस नेता उदित राज ने कहा कि बीजेपी संविधान को बदलना चाहती है, लेकिन हमारे लोकतंत्र की जड़ें इतनी मजबूत हैं कि उन्हें काटा नहीं जा सकता है. उन्होंने कहा कि कुछ मामलों में यहां के हालात श्रीलंका, बांग्लादेश और नेपाल से भी अधिक खराब हैं. कांग्रेस नेता ने कहा कि अगर हमारा संविधान इतना मजबूत नहीं होता तो यहां भी नेपाल जैसे हालात होते.
कांग्रेस नेता उदित राज का कहना है कि नेपाल में विरोध प्रदर्शन होने के बाद हमारे देश के युवा भी चर्चा कर रहे हैं कि भारत में ऐसा विरोध क्यों नहीं हो रहा है, क्योंकि भारत में बेरोजगारी, महंगाई और भ्रष्टाचार नेपाल से ज्यादा है.
यहां देखें वीडियो:
हमें अपने संविधान पर गर्व है: CJI
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बी आर गवई ने एक सुनवाई के दौरान नेपाल में बढ़ रहे उग्र प्रदर्शन का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि हमें अपने संविधान पर गर्व है, देखिए हमारे पड़ोसी देशों में क्या हो रहा है, जैसे हमने नेपाल में देखा क्या हो रहा है. चीफ जस्टिस की इस टिप्पणी पर जस्टिस विक्रम नाथ ने बांग्लादेश के इसी तरह के हालातों का जिक्र करते हुए कहा कि हां, बांग्लादेश में भी इसी तरह की स्थिति थी.
दरअसल, यह सुनवाई राष्ट्रपति और राज्यपाल को विधेयक पर हस्ताक्षर करने से संबंधित थी, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने अप्रैल महीने में राष्ट्रपति और राज्यपाल को विधानसभा द्वारा पारित विधेयक पर साइन करने के लिए एक डेडलाइन निश्चित की थी.
नेपाल में बनने जा रहे हैं दूसरे पीएम
नेपाल में सरकार के खिलाफ युवा उग्र प्रदर्शन कर रहे थे. प्रदर्शन इतना बड़ा था कि नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को अपने पद से इस्तीफा देकर जान बचाकर भागना पड़ा. इस प्रदर्शन में कई लोगों की जान चली गई. युवाओं ने पूर्व प्रधानमंत्रियों को भगा-भगा पीटा. इतना ही नहीं, प्रदर्शन की आग इतनी भड़क गई कि प्रदर्शनकारियों ने एक पूर्व प्रधानमंत्री की पत्नी को जिंदा जला दिया. फिलहाल, नेपाल में हालात काबू में हो गए. जनता ने केपी शर्मा को हटाकर अब नेपाल की सत्ता सुशीला कार्की के हाथों सौंपने का निर्णय लिया है. सुशीला कार्की अब नेपाल की अंतरिम प्रधानमंत्री बनेंगी.
कौन हैं सुशीला कार्की?
नेपाल की अंतरिम प्रधानमंत्री बनने जा रही सुशीला कार्की का जन्म नेपाल के बिराटनगर में 1952 में हुआ था. भारत से भी कार्की का नजदीकी संबंध है क्योंकि उन्होंने पोस्ट ग्रेजुएट की पढ़ाई बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से पॉलिटिकल साइंस में की. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में एक जज के रूप में भी कार्यभार संभाला. सुशीला कार्की पिछले कई सालों से नेपाल में सरकार का विरोध करती रही हैं.